जानें, जरूरी क्यों है मास्टर हैल्थ चेकअप

जानें, जरूरी क्यों है मास्टर हैल्थ चेकअप

डॉ. अनिल चतुर्वेदी

आधुनिक जीवन शैली आज इन्सान के लिए अभिशाप बन गई है। सुख-सुविधाओं के मायाजाल में फंसकर इन्सान ने पश्चिम संस्कृति का लिबास ओढ़ लिया। शराब, धूम्रपान, शारीरिक श्रम के अभाव, तनाव की जिंदगी, आचार-विचार, व्यवहार व आहार में अनियमितता के कारण ह्दय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर आदि रोगों ने उसे आ घेरा हैं।

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जरूरी क्यों है मास्टर हैल्थ चेकअप (Why Health Check Up is Important in HIndi):

दुनिया में प्रतिवर्ष 9 करोड़ 20 लाख व्यक्ति दिल की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। हमारे देश में तीन करोड़ दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं। देश में 40 प्रतिशत स्त्रियां दिल की रोगी हैं। सिर्फ दिल्ली में करीब ढ़ाई लाख व्यक्ति दिल की बीमारी को गिरफ्त में हैं। प्रति एक हजार की आबादी में 30 लोग दिल के मरीज हैं। मधुमेह के लगभग दो करोड़ 30 लाख रोगी हमारे देश में हैं। धूम्रपान के कारण प्रतिवर्ष 30लाख व्यक्ति मौत का शिकार हो जाते हैं।

ह्दयरोग, उक्त रक्त चाप, कैंसर आदि के प्रमुख कारकों व लक्षणों का समय पर ही निदान हो जाए तो इन रोगों से बचाव किया जा सकता है। शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण का मुख्य उद्देश्य यही है कि उन कारकों की जांच कर ली जाए, जिसके कारण इन रोगों की संभावना बनी रहती है। और उन विशेष रोगों से समय पर ही उपचार एंव निदान कर लिया जाए।

ह्रदय रोग (Heart Disease in Hindi):

मोटापा, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा, तनाव, मधुमेह, धूम्रपान, शराब, कोलेस्ट्राल, शारीरिक श्रम में कमी ह्रदय रोग को जन्म देते है। अत: स्वास्थ्य परीक्षणके समय उन महत्वपूर्ण घटकों की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है।

वजन, मोटापा मानव का शत्रु है। मोटापा के कारण उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, मधुमेह, कोलेस्ट्राल में वृद्धि, सोने में दर्द, पित्त की थैली में पथरी, श्वास के रोग की अधिक संभावना रहती है। अत: जिस व्यक्ति का वजन अधिक है उसको आहार में नियमित संतुलित भोजन तथा शारीरिक श्रम द्वारा वजन में कमी करने का प्रयास किया जाता है।

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure in Hindi):

उच्च रक्तचाप के लक्षण प्रारंभ में प्रकट नहीं होते। परंतु धीरे-धीरे अधिक रक्तचाप खतरे का कारण बन जाता है। निरंतर रक्तचाप बढ़ा रहे तो यह ह्रदय के कार्यभार को बढ़ा देता है। यह धमनियों के सख्त होने की प्रक्रिया को और भी तीव्र कर देत है। धमनियां जब संकरी और सख्त हो जाती है तो वे शरीर के अंगों को खतना रक्त नहीं पहुंचा पाती, जिससे वह अपना कार्य भली-भांति कर सके।

उच्च रक्तचाफ यदि अधिक समय तक बना रहे तो ह्रदय, गुर्दे और तंत्रिकाओं पर इसका कुप्रभाव पड़ता है, जिससे नेत्रों के पीछे स्थित रक्त वाहिनियां सिकुड़ जाती है। मस्तिष्क में पक्षाघात की संभावना अधिक रहती है।

उच्च रक्तचाप की अवस्था में कुछ बातों पर द्यान दने आवश्यक हो गया है। उच्च रक्तचाफ के रोगी के लिए जरुरी है कि वह धूम्रपान त्याग दे। अपने आहार में चरबी व बसा का प्रयोग कम करें। शारीरिक परिश्रम पर अधिक ध्यान दें। नमक का प्रयोग कम करें। अपने वजन पर ध्यान दे तथा नियमित रुप से रक्तचाप की जांच करवाएं।

वसा व कोलेस्ट्राल (Fat and Cholesterol in Hindi):

यदि आहार में जीव स्रोत से उत्पन्न वसा, सूअर का गोश्त, बकरे का गोश्त अधिक चिकनाई व तली चीजों का सेवन किया जाए तो कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा, बड़ी आंत का कैंसर, पौरुष ग्रंथि का कैंसर, स्तन का कैंसर अधिक देखा गया है। सामान्य से जितनी अदिक मात्रा कोलेस्ट्राल की होती है, उतनी ही अधिक संभावना इन रोगों की बनी रहती है।

यह ध्येय होना चाहिए कि रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा 180 मि.ग्राम प्रति लीटर से अधिक न हो। नियमित संतुलित भोजन, वजन में कमी तथा शारीरिक परिश्रम द्वारा यह संभव हैं।

मधुमेह (Diabetes in Hindi):

मधुमेह के रोगियों को अधिकतर पहले यह पता नहीं चल पाता की वे मधुमेह के रोगी हैं। मधुमेह के रोगी संक्रामण के अधिक तथा जल्दी शिकार होते हैं। तीन वर्ष बाद 50 प्रतिशत रोगी नेत्र रोग के शिकार होते हैं, 4 गुना रोगियों को क्षय रोग घेर लेता है। चार गुना अधिक दिल का दौरा होता है। मोटापा भी मधुमेह का प्रमुख लक्षण है। अत: वजन में कमी, शारीरिक परिश्रम तथा नियमित एवं संतुलित आहार द्वारा उपचार संभव है। 40 साल की आयु के बाद प्रति दो साल में रक्त में ग्लूकोज की जांच अनिवार्य है।

धूम्रपान (Smoking in Hindi):

धूम्रपान, उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, पौरुष ग्रंथि कैंसर, दिल की थैली में फेफड़े का कैंसर, श्वास के रोग, स्तन कैंसर का प्रमुख कारण है। अत: धूम्रपान निषेध स्वास्थय का सर्वोत्तम नुस्खा है।

ई.सी.जी (ECG Check Up in Hindi):

यद्दपि प्रत्येक स्वास्थ्य परीक्षण के समय ई.सी.जी अनिवार्य है किन्तु जिन व्यक्तियों को दिल की बीमारी का कोई लक्षण नहीं है, उनके लिए ई.सी.जी का विशेष महत्व नहीं है। फिर भी 15-20 प्रतिशत रोगियों को दिल का रोग, दिल की धड़कन की अनियमितता का पता चल जाता है। आजकल विशेष तौर पर टी.एम.टी स्ट्रैस ई.सी.जी द्वारा दिल की जांच की जाती है।

एक्स-रे (X-ray in Hindi):

एक्स-रे द्वारा फेफड़े के रोग, श्वास के रोग की संभावना की जांच हो जाती है। 40 साल के अधिक वय के रोगी, विशेषकर धूम्रपान वाले रोगियों में ह्रदय के आकार का भी पता चलता है। प्रत्येक शारीरिक स्वास्थ्य परिक्षण में एक्स-रे जांच भी सम्मिलित है।

शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण द्वारा मधुमेह, दिल के रोग, मोटापा, कैंसर की पहचान समय से पहले की जा सकती है। इन रोगों के बचाव के लिए अभी तक किसी टीके या वैक्सीन की खोज नहीं की जा सकी है। अपने आचार-प्रचार व्यवहार व आहार में परिवर्तन कर हम स्वस्थ, सुखी, निरोग रह सकते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण का ध्येय भी यही हैं। प्रबल इच्छाशक्ति,दृढ़ संकल्प धारण कीजिए तथा शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण द्वारा अपने शरीर की विधिवत जांच-पड़ताल करवा लीजिए

विभिन्न प्रकार के हेल्थ चैक, विभिन्न श्रेणियों के लोगों के लिए उपलब्ध हैं। उदाहरण के लिए, मास्टर हेल्थ चैक, इक्टैट्रविक हैल्था चैक, हार्ट चैक, ईको वैल वुमन चैक रोजगार के लिए चैक तथा बी.एम.बी होता है।

(लेखक दिल्‍ली के जाने माने फीजिशियन और जीवनशैली रोग विशेषज्ञ हैं। ये आलेख उनकी किताब फैमिली हेल्‍थ गाइड से साभार लिया गया है। प्रभात प्रकाशन से प्रकाशित ये किताब hindibooks.org से मंगवाई जा सकती है)

 

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